अगर आप ग्राहक सेवा केन्द्र चलाते हैं तो आपके सामने सबसे बडी समस्या ये आती है कि ग्राहक को कैसे बेहतर सर्विस दें। हम चाहे कुछ भी कर लें लेकिन ग्राहक आपकी सेवाओं से सन्तुष्ट ही नही हो पाता है। कई बार लड़ाई तक की नौबत आ जाती है। आखिर क्या सभी ग्राहक सेवा केन्द्रों पर ऐसा होता है या फिर आपके साथ ही ऐसा होता है। अगर आप भी इन सब समस्याओं से परेशान हो तो फिर ये लेख आपके लिये ही है।
कुछ भी जानने से पहले ये जरूर जान लें कि आपके परिसर में आने वाला सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति ग्राहक ही होता है। उससे महत्वपूर्ण कोई नहीं। इसलिये ग्राहक को और उसके कामों को प्राथमिकता दें। अब जानते हैं कि ग्राहक को कैसे बेहतर सर्विस देकर सन्तुष्ट किया जा सकता है।
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ग्राहक को स्पेशल फील कराऐं
जब कोई भी ग्राहक आपके ग्राहक सेवा केन्द्र पर आता है तो उसको स्पेशल फील कराऐं, चाहें वो फिर किसी भी काम से आपके केन्द्र पर आया हो। वो आपके केन्द्र पर आया है तो आपको कुछ देकर ही जाऐगा। जब भी कोई ग्राहक आपके केन्द्र में आता है तो उसका स्वागत एक मुस्कराहट के साथ करें और उसे बैठने के लिये कहें। अगर वो खाता खुलवानें आया है तो उसके फाॅर्म वगैरह अगर सम्भव हो खुद ही भर लें, क्योंकि ये काम ग्राहक को सबसे कठिन लगता है। लेकिन अगर आप उसके लिये इतना करेंगे तो आपके प्रति उसके मन में विश्वास जागेगा। आप उसको पानी के लिये पूंछ सकते हो।
अगर ग्राहक पैसे निकालने आया है तो उसका ज्यादा इंतेजार न कराऐं, क्योंकि पैसे की जरूरत व्यक्ति को तत्काल होती है। अगर उसको आपके ग्राहक सेवा केन्द्र में इन्तेजार करना पडा तो फिर वो क्यों आयेगा, इससे अच्छा तो बैंक भी जा सकता है। ज्यादातर बैंक के ग्राहक सेवा केन्द्र पर केवल 10 हजार रूपये की निकासी की सुविधा ही होती है। लेकिन आप कोई अन्य थर्ड पार्टी प्रोग्राम का उपयोग करके उसकी रकम 20 हजार रूपये तक निकाल सकते हो। इससे उसकी बैंक जाने की जरूरत खत्म हो जाऐगी।
ग्राहक को ज्यादा इंतेजार न कराऐं
ग्राहक आपके पास किसी भी काम से आया हो आप उसका काम जल्दी से जल्दी निपटाने की कोशिश करें। उसको इंतेजार न कराऐं। ज्यादा इंतेजार व्यक्ति के मन मे झुंझलाहट पैदा करता है। अगर आप उसके काम तेजी से करते हो तो वो और लोगों को भी आपके बारे में बताऐगा। जिससे आपके ग्राहक बढेंगे। बैंको की तरह ग्राहक को कल के लिये न टालें। यदि सम्भव हो तो उसी दिन उसका काम कराने की कोशिश करें। अगर उसका काम उस दिन नही हो पाऐगा तो उसको प्यार से समझाऐं और एक निश्चित टाइम बताऐं। जिससे वो बार बार आपके केन्द्र पर आकर चक्कर न काटे और आप पर उसका भरोसा बना रहे।
ग्राहक से कम्युनिकेशन बनाऐं रखें
आप ग्राहक से कम्युनिकेशन बनाऐं रखें। आज का दौर आधुनिक दौर है। आप व्हाटसएप्प, फेसबुक के माध्यम से सीधे ग्राहक से जुड सकते हैं। समय समय पर उससे उसकी खैरियत पूंछ सकते हैं। किसी त्यौहार पर उसको शुभकामनाऐं दे सकते हैं। उसकी छोटी-मोटी समस्या तो आप सीधे चैट पर ही साॅल्व कर सकते हैं। जैसे उसे उसके खाते का बैलेंस जानना हैं तो आप उसे बैलेंस इन्कवायरी का नम्बर दे सकते हैं, या फिर उसे कोई अन्य समस्या है तो उसे कस्ट्यूमर केयर का नम्बर दे सकते हैं। इससे ग्राहक को महसूस होगा कि आप उसे अधिक महत्व दे रहे हैं। इसका एक फायदा ये भी है कि उसके जान-पहचान में कोई भी बैंकिंग सम्बंधित काम होगा तो वो उनको तुरन्त आपका नाम सुझाऐगा।
ग्राहक सेवा केन्द्र पर फालतू के लोगों का जमाबाडा न लगाऐं
ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि ग्राहक सेवा केन्द्र पर संचालकों के दोस्तों व जानने वालों का बेमतलब जमाबाडा लगा रहता है और हंसी मजाक व ठिठोली चलती रहती है। दोस्ती अपनी जगह है और बिजनेस अपनी जगह। अगर आपके दोस्त को उस समय कोई काम नही हैं तो उसको प्यार से समझाऐं और कहें कि इससे उसके बिजनेस पर फर्क पडता है। कई बार जब आप काम करते हैं और आपके दोस्त आपसे बातचीत करते हैं तो ग्राहक को ऐसा लगता है कि आप उसका काम करने में जानबूझ कर देरी लगा रहे हो। आपका ध्यान काम पर है ही नही, ऐसे में वो झुंझला जाता है। वहीं ग्राहक सेवा केन्द्र पर शान्ति बनाऐं रखें। इससे ग्राहक भी उत्तेजित नही हो पाता है।
ग्राहक सेवा केन्द्र का एक निश्चित टाइम-टेबल बनाऐं
ग्राहक सेवा केन्द्र के खोलने व बंद करने का एक निश्चित टाइम टेबल बनाऐं। ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में ग्राहक सेवा केन्द्र का कोई निश्चित टाइम-टेबल नही होता है। लेकिन ये बहुत जरूरी है। इससे ग्राहक उसी समय पर आपके ग्राहक सेवा केन्द्र पर आयेगा। अगर खोलने व बंद करने का कोई निश्चित टाइम नही हैं तो ग्राहक को काफी परेशानी होती है। कई बार ग्राहक जब आता है तो केन्द्र बंद मिलता है। जिससे उसे परेशानी होती है। कोशिश करें कि केन्द्र को ज्यादा से ज्यादा समय तक खोल सकें। अब आप कहेंगे कि ज्यादा समय तक क्यों खोलें। इसका सीधा जबाब है आप नौकरी नही कर रहे हो आप बिजनेस कर रहे हो। ज्यादा समय तक खोलने पर आपकी इनकम ही बढेगी और ग्राहक को अच्छी सर्विस भी मिलेगी।
बेवजह काम को न टालें
ज्यादातर ग्राहक सेवा केन्द्र ग्राहक के काम को वेबजह टालते हैं। इसके दो बडे नुकसान होते हैं पहला तो ग्राहक सन्तुष्ट नही हो पाता दूसरी आपके ऊपर काम को बोझ बढ़ता जाता है। इसलिये ग्राहक के काम को बेवजह न टालें। बेहतर यही है कि ग्राहक के काम को सही समय पर करने का हर सम्भव प्रयास करें।
ग्राहक को प्रत्येक काम की पावती दें
पावती को आम बोलचाल मे रसीद कहते हैं। ग्राहक आपके पास किसी भी काम से आया है आप उसके काम के बाद उसको पावती जरूर दें। अगर वो खाता खुलाने आया है तो उसका परिचय पत्र जनरेट करके उसे दें। अगर वो पैसे का लेन-देन करने आया है तो उसको उसकी भी रसीद दें। जिससे लेन-देन मे कोई भूल-चूक न हो। अगर लेन-देन में कोई भूल चूक होती है तो इससे आपकी शाख पर बट्टा लगेगा और ग्राहक का आप पर से भरोसा हट जाऐगा।
कोशिश करें कि ग्राहक बैंक न जाऐं
ग्राहक को हर काम के लिये बैंक जाने पर मजबूर न करें। कोशिश करें कि ग्राहक बैंक तब ही जाऐ जब उसकी जरूरत हो। जो काम आपके ग्राहक सेवा केन्द्र से हो सकते हैं उन्हें वहीं पर कर दें। क्योंकि ग्राहक अगर बार-बार बैंक जाने लगेगा तो वो आपके ग्राहक सेवा केन्द्र पर पर आना बंद हो जाऐगा। जिससे आपका एक ग्राहक भी कम होगा और आपकी इनकम भी। इसलिये कोशिश करें कि ग्राहक बैंक न जाऐ।
अगर आप ये सब कर पाऐंगे तो ग्राहक आपसे हमेशा सन्तुष्ट रहेगा। अगर ग्राहक सन्तुष्ट रहेगा तो आपकी भी अच्छी इनकम होती रहेगी। एक बात फिर से जान लीजिये आपके ग्राहक सेवा केन्द्र में आने वाला सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति ग्राहक ही है।
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