Primary Market in Hindi इसका तार शेयर बाज़ार से जुड़ा हुआ है. कुछ लोग इसे अभिशाप तो कुछ इसे वरदान मानते हैं. जब शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत हैं या करना चाहते हैं तो कई सारे शब्द सुनने को मिलता है जिसे सही से समझना जरूरी है. जानकारी के अभाव में लंबा नुकसान हो सकता है. शेयर बाज़ार को लोगों ने जितना जटिल बना दिया है सही मायनें में यह इतना जटिल नहीं है. इसके जटिल होने का मुख्य वजह कन्फ्यूजन है, और कन्फ्यूजन जानकारी के अभाव में होता है. यदि सही मायने में कहा जाये तो शेयर मार्केट इतना जटिल विषय नही हैं जितने जटिल उसके शब्द हैं. इन्ही शब्दों में एक शब्द है प्राइमरी मार्केट यानी प्राथमिक बाजार. तो आपको इस आर्टिकल में प्राइमरी मार्केट के बारे में जानकारी मिलेगी. शेयर मार्केट क्या है? पूरी जानकारी हमनें पहले दी दे दिया है.
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प्राथमिक बाजार (प्राइमरी मार्केट) क्या है?
जब किसी कंपनी को अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने या नया बिजनेस शुरू करने के लिये पैसों की जरूरत होती है तो वह कंपनी उस जरूरत को पूरा करने के लिये नए शेयर या डिबेंचर जारी करती है और सीधे निवेशकों से पैसा प्राप्त करती है. यह प्रक्रिया प्राथमिक बाजार के तहत होती है. कंपनी मार्केट में आईपीओ के माध्यम से नये शेयर या डिबेंचर लांच करती है जो कि सीधे निवेशकों को बेचे जाते हैं. आसान शब्दों में कहें तो प्राइमरी मार्केट वह जगह है जहां सिक्यूरिटीज (प्रतिभूतियों) को अस्तित्व में लाया जाता है.
कैपिटल (पूंजी) का क्या अर्थ है?
जब किसी कंपनी को अपना बिजनेस चलाने के लिये धन की आवश्यकता होती है तो उस धन का कंपनी का कैपिटल कहते हैं. कपंनी कैपिटल दो तरह से प्राप्त करती है.
- शेयर जारी करके
- उधार लेकर
धन की वह अधिकतम मात्रा जो कंपनी नियमानुसार शेयर जारी करके प्राप्त करती है वह धन आथराइज्ड कैपिटल (अधिकृत पूंजी) कहलाता है. इस आथराइज्ड कैपिटल में से कंपनी शेयर जारी करके जो धन हासिल करती है वह शेयर कैपिटल कहा जाता है. कंपनी यह शेयर कैपिटल एक बार में या कई बार में प्राइमरी मार्केट में शेयर जारी करके हासिल कर सकती है.
कंपनी द्वारा शेयर जारी करके हासिल की गई पूंजी को पैडअप कैपिटल कहा जाता है. वहीं कंपनी कई बार शेयरों की कुल पूंजी का कुछ हिस्सा भविष्य में वापस ले लेती है, इस प्रकार नये जारी शेयरों की कुल पूंजी का वह हिस्सा जो कंपनी आंशिक रूप से कइट्ठा कर रही है वह काॅल्ड अप कैपिटल कहलाता है.
पैडअप कैपिटल
कंपनी की टोटल कैपिटल कई चीजों से मिलाकर बनती है जिनमें प्रमोटरों द्वारा निवेश की गई धनराशि, लोन द्वारा प्राप्त की गई धनराशि, तथा शेयर जारी करके प्राप्त की गई धनराशि आदि. इसमें कंपनी जो धनराशि शेयर जारी करके हासिल करती है उसे पेडअप कैपिटल कहते हैं.
कैपिटल इश्यू क्या होता है?
जब कोई कंपनी धन प्राप्त करने के लिये शेयर जारी करती है तो उसे कैपिटल इश्यू कहा जात है.
प्रीमियम इश्यू क्या है?
जब कंपनी नये शेयरों की कीमत फेस वैल्यू से ऊपर रखकर जारी करती है तो ऐसे इश्यू को प्रीमियम इश्यू कहते हैं. शेयर की फेस वैल्यू से ऊपर रखी गई कीमत उस शेयर का प्रीमियम कहलाती है.
आसान शब्दों में कहें तो मान लीजिये कोई कंपनी प्राइमरी मार्केट में कोई नया पब्लिक इश्यू लाती है एवं उसका प्राइस बैंड 75 से 80 रूपये तक रखती है जबकि शेयर की फेस वैल्यू 10 रूपये है तो ऐसे में 65 से 70 रूपये रूपये प्रति शेयर पर प्रीमियम है. यह प्रीमियम शेयर की बुक वैल्यू और पिछले तीन सालों में शेयर की कीमत आदि के आधार पर तय किया जाता है.
ओवर सबस्क्राइब्ड इश्यू किसे कहते हैं?
कंपनी जब मार्केट में कोई भी इश्यू जारी करती हैं तो उनकी एक निर्धारित शेयर मात्रा होती है. लेकिन कई बार कंपनी में कंपनी के पास शेयर की संख्या से ज्यादा निवेश के लिये आवेदन पहुच जाता है तो उस इश्यू को ओवर सबस्क्राइब्ड इश्यू कहते हैं.
मान लीजिये कंपनी ने 3 करोड़ रूपये का इश्यू जारी किया और उसके लिये 3 रूपये की कीमत से 1 करोड़ शेयर जारी किये. लेकिन निवेशकों की संख्या ज्यादा हो गई और कंपनी के पास शेयर खरीदने के लिये ज्यादा आवेदन हो गये तो इस प्रकार के इश्यू को ओबर सबस्क्राइब्ड इश्यू कहते हैं. ऐसे में कपंनी लाॅटरी सिस्टम के माध्यम से शेयरों को बांटती है. इसमें उन लोगों को पहले वरीयता दी जाती है जिन्होने ज्यादा शेयर खरीदने के लिये आवेदन किया था.
ऐट पार व अबोब पास क्या है?
जब किसी शेयर की कीमत उसके फेस बैल्यू के बराबर होती है तो यह शेयर एट पार कहलाता है वहीं जब शेयर की कीमत उसकी फैस वैल्यू से ज्यादा होती है तो उस शेयर पर प्रीमियम होता है ऐसी अवस्था को अबोव पार कहते हैं.
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Conclusion Primary Market
शुरुआत हमनें Primary Market बताने के लिए किया था लेकिन, यहां शेयर बाज़ार से संबंधित कई जानकारी सझा किया. शेयर बाज़ार बिना जानकारी के कभी भी नहीं कूदना चाहिए. जिस तरह जब तक तैरने का ABC सीखे बिना कोई पानी में नहीं कूदता है वैसे ही शेयर बाज़ार में भी पहले सीखिए फिर कूदिये. जैसे बिना पानी में कूदे तैरना नहीं सीख सकते हैं वसे ही शेयर खरीद बेच कर के ही शेयर बाज़ार सीख सकते हैं. उम्मीद है आपको प्राइमरी मार्केट से जुड़ी बेसिक बाते समझ में आ गई होंगी. यदि शेयर मार्केट से जुड़ा कोई भी सबाल आपके मन में हैं तो कमेंट बाॅक्स के माध्यम से पूंछ सकते हो. फाइनेंस व इन्वेंस्टमेंट से संबधित जानकारी पाने के लिये मुद्रा एक्सपी से जुड़े रहिये.