What is Insurance in Hindi – बीमा क्या है पूरी जानकारी हिंदी में

Insurance in Hindi, What is Insurance in Hindi, Bima Kya Hai इसके बारें में अब लगभग सभी लोग जानना चाहते हैं. एक समय था जब कोई Insurance Advisor कई बार ग्राहक के घर का चक्कर लगता था साथ में हर बार बच्चों के लिए बिस्कुट और लेमनचूस ले जाता था. फिर भी लोग मन कर देते थे नहीं हमको इंश्योरेंस पोलिसी नहीं चाहिए लेकर क्या करेंगें. आप कहते हैं पैसा मिलेगा लेकिन, मरने के बाद तो ऐसा काम क्यूं करें जिसमें मरने के बाद लाभ मिलेगा जिन्दा रहते कुछ है तो बताओ. सभी लोगों का धरना अलग था. लेकिन, आज यह बदल गया है. अब लोग ऑनलाइन भी इंश्योरेंस पोलिसी खरीद रहे हैं. यह बदलाव का वजह क्या हो सकता है आप भली भाति समझ रहे हैं. हर व्यक्ति के हाथ में मोबाइल और लैपटॉप हो गया है जिसमें फसबूक नाम की बीमारी है. यदि कोई इस बीमारी से ग्रसित है तो देश दुनिया की फेक खबर के साथ कुछ काम की भी जानकारी यहां मिल जाती है. यदि आपको बीमा, जीवन बीमा, फायदा नुकसान सब पता है तो बहुत अच्छी बात है अपना अनुभव कमेन्ट बॉक्स में जरूर शेयर कीजिये. यदि बीमा समझना है जानना है तो इस पोस्ट को पूरा पढ़िए.

insurance kya hai
What is Insurance in Hindi

Bima Kya Hai – Insurance in Hindi

Insurance का अर्थ है “एक ऐसी व्यवस्था से है जिसमें कोई भी एक बीमा कम्पनी (Insurance Company) आपके किसी भी प्रकार के नुकसान, बीमारी, दुर्घटना या मृत्यु में आपको मुआवजे की गारंटी देती हैं.” अगले क्षण क्या हो सकता है यह किसी को नहीं पता है. वैसे तो Insurance की शुरुआत बहुत अलग तरह से हुई है. अगले पोस्ट बीमा कंपनी शुरू कैसे हुई इसके बारें में बात करेंगें. जब भी कोई अप्रिय घटना हो जाता है. तो परिवार परेशां हो जाता है. उसे मदद की जरूरत होती है. आज हम लोग आधुनिक युग में जी रहे हैं. इसीलिए मदद के तौर आर्थिक मदद की जरूरत बहुत ज्यादा है. इंश्योरेंस कंपनी सही मायनें में आर्थिक मदद करने का ही काम करती है. बीमा भविष्य में किसी नुकसान की आशंका से निपटने का प्रभावशाली हथियार है. हमें नहीं पता कि कल क्या होगा, इसलिए हम बीमा पॉलिसी के जरिये भविष्य में संभावित नुकसान की भरपाई की कोशिश करते हैं. इंश्योरेंस का मतलब जोखिम से सुरक्षा है. अगर कोई बीमा कंपनी किसी व्यक्ति का बीमा करती है तो उस व्यक्ति को होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करेगी.

यदि बीमा कंपनी ने किसी का कार, घर या स्मार्टफोन का बीमा किया है तो उस चीज के टूटने, फूटने, खोने या क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में बीमा कंपनी उसके मालिक को पहले से तय शर्त के हिसाब से मुआवजा देती है. बीमा वास्तव में बीमा कंपनी और बीमित व्यक्ति के बीच एक अनुबंध है. इस कॉन्ट्रेक्ट के तहत बीमा कंपनी बीमित व्यक्ति से एक निश्चित धनराशि (प्रीमियम) लेती है और बीमित व्यक्ति या कंपनी को पॉलिसी की शर्त के हिसाब से किसी नुकसान की स्थिति में हर्जाना देती है.

Wikipedia के हवाले से – बीमा (इंश्योरेंस) उस साधन को कहते हैं जिसके द्वारा कुछ शुल्क (जिसे प्रीमियम कहते हैं) देकर हानि का जोखिम दूसरे पक्ष (बीमाकार या बीमाकर्ता) पर डाला जा सकता है. जिस पक्ष का जोखिम बीमाकर पर डाला जाता है उसे ‘बीमाकृत’ कहते हैं. बीमाकार आमतौर पर एक कंपनी होती है जो बीमाकृत के हानि या क्षति को बांटने को तैयार रहती है और ऐसा करने में वह समर्थ होती है.

बीमा वास्तव में बीमाकर्ता और बीमाकृत के बीच अनुबंध है जिसमें बीमाकर्ता बीमाकृत से एक निश्चित रकम (प्रीमियम) के बदले किसी निश्चित घटना के घटित होने (जैसे कि एक निश्चित आयु की समाप्ति या मृत्यु की स्थिति में) पर एक निश्चित रकम देता है या फिर बीमाकृत की जोखिम से होने वाले वास्तविक हानि की क्षतिपूर्ति करता है.

बीमा क्यूं करवाना चाहिए – Why Insurance

मैं ऊपर ही बता चुका हूं, वर्ष 2001, 2002 में यूं कहें वर्ष 2005 तक लोगों को बीमा समझाना पड़ता था. लेकिन, जब से इन्टरनेट ने अपना पांव पसारा है अब लोग बीमा समझने लगे हैं. कुछ लोग भविष्य को देखते हुए ऑनलाइन बीमा खरीद रहे हैं. समय बहुत तेजी से बदला है एक ओर जहां लोगों को बीमा समझाना होता था लेकिन, अब लोग इन्टरनेट से समझ कर सही बीमा खरीद लेते हैं. बीमा क्यूं लेना चाहिए इसके कई वजह हैं. यदि किसी को Bima Kya Hai, मतलब What is Insurance in Hindi यह समझ आ गया मतलब वह बीमा खरीदने के लिए 50% इक्षुक है. नीचे कुछ और जानकारी दी गई है बीमा क्यूं करवाना चाहिए?

  • जोखिम से सुरक्षा
    • बीमा जोखिमों से बचने का सशक्त उपाय है.
    • जीवन में व्याप्त सभी अनिश्चितताओं से व्यक्ति को चिन्तामुक्त करता है.
    • ये जोखिमें जीवन, स्वास्थ्य, अधिकारों तथा वित्तीय साधनों, सम्पत्तियों से सम्बन्धित हो सकती है.
    • इन सभी जोखिमों से सुरक्षा का एक उपाय बीमा ही है.
  • जोखिमों को निश्चित करना
    • बीमा में जोखिमों को समाप्त नहीं किया जा सकता है, परन्तु जोखिमों की अनिश्चितता को कम व निश्चित अवश्य किया जाता है.
    • बीमित द्वारा बीमा कम्पनी को जोखिमों का अन्तरण किया जाता है व एक निश्चित प्रतिफल / प्रीमियम से उस जोखिम का मूल्य निश्चित कर दिया जाता है.
    • निश्चित प्रीमियम के बदले अनिश्चित हानियों को बीमा कम्पनी द्वारा मिलने वाली बीमा राशि के रूप में निर्धारित कर दिया जाता है.
    • यह राशि बीमा दावा राशि कहलाती है.
  • बीमा दान नहीं , अधिकार है
    • बीमा में बीमित द्वारा अंशदान दे कर अधिकार प्राप्त किया जाता है अनुबन्धात्मक सम्बन्धों के आधार पर बीमाकर्ता निश्चित प्रतिफल (प्रीमियम) के बदले बीमित को निश्चित समयावधि पश्चात् बीमा धन / दावा का भुगतान करता है।
  • बीमा जुआ नहीं है
    • बीमा में वास्तविक क्षति के बराबर ही क्षतिपूर्ति या सामान्य क्षति होने पर ही क्षति पूर्ति की जाती है , अत: बीमा की तुलना जुए से करना गलत है। जुए में एक पक्षकार लाभ में तो दूसरा पक्षकार हमे शा हानि में ही रहता है परन्तु बीमा में ऐसा नहीं होता है।

बीमा का महत्त्व

मनुष्य आपने जीने और खाने का तरीका बदलता गया जिसे नाम दिया गया सभ्यता का विकास. इस बदलते तरीके से कुछ लाभ तो कुछ हनी हुआ. जैसे ही लोगों को हानि / जोखिम दिखना शुरू हुआ वह इससे बचने के लिए कुछ तरीकों को अपनाने लगे जिसमें से बीमा एक है. Bima Kya Hai या What is Insurance in Hindi यह इसलिए भी जानना जरूरी है क्यूंकि आज के आर्थिक युग में खुद को आर्थिक रूप से मजबूत रखना है तो बीमा चाहिए ही चाहिए और बीमा लेने के लिए इसका ज्ञान होना जरूरी है. जब लोग बीमा के बारें में जानना शुरू किये तो देखते ही देखते बीमा करने और करवाने वालों को संख्या में बहुत तेज़ी से उछल आया और इसका महत्व बढ़ गया. पहले लोग मज़बूरी में बीमा एजेंट बनते थे लेकिन, आज बहुत शौक से बीमा एजेंट बनते हैं. क्यूंकि, जोखिमों, दुर्घटनाओं व अनिश्चितताओं, में वृद्धि बहुत तेजी होती जा रही है. आज हम ऐसे किसी देश की कल्पना नहीं कर सकते जो बीमा का लाभ नहीं उठा रहा हो. कुछ फिल्म भी है जो बीमा और बीमा से मिलने वाले फायदे को ध्यान में रख कर बनाया गया है. लोग कई बार इसका गलत फायदा भी उठा लेते हैं.

आज बीमा प्रारम्भिक स्वरूप से हट कर सामाजिक व व्यावसायिक जगत के प्रत्येक क्षेत्र में पदार्पण कर चुका है और अपनी उपयोगिता के आधार पर लोकप्रियता प्राप्त करता जा रहा है. बीमा की उपयोगिता से प्रभावित होकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर विन्स्टन चर्चिल ने कहा था “यदि मेरा वश चले तो मैं द्वार-द्वार पर यह अंकित करा दूं कि बीमा कराओ” बीमा सम्पूर्ण मानवजाति एवं इससे सम्बन्धित सभी वर्गों को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से लाभ पहुँचाता है. संक्षेप में कह सकते हैं कि आधुनिक युग में बीमा का महत्व दिन दुगुना रात चौगुना होता चला जा रहा है. बीमा के महत्व अथवा लाभों को निम्नांकित वर्गीकरण द्वारा समझा जा सकता है.

वैयक्तिक या पारिवारिक दृष्टि से महत्व

  • वृद्धावस्था में सहारा – वर्तमान में संयुक्त परिवार प्रथा का लोप हो रहा है बीमा व्यक्ति की वृद्धावस्था का सहारा बनता जा रहा है. यदि अपनों का साथ नहीं हो तो बुढ़ापा आपने आप में एक रोग है. वृद्धावस्था मे आय के स्रोत सीमित हो जाते हैं व उत्तरदायित्व बढ़ जाते है, ऐसे में बीमा से प्राप्त धन ही उसका प्रमुख सहारा बनता है.
  • आत्म सम्मान में वृद्धि – जब कई दुःख, तकलीफ नहीं होता है तो आत्बीम सम्मान सुरक्षित रहता है. कई बार देखा गया व्यक्ति बीमार हुआ और पाई पाई उसमें लग गया अब आत्म सम्मान को ताक पर रख कर दूसरों के सामने हाथ फैलाना होता है. लेकिन, यदि Health Insurance है तो पूरा खर्च Insurance Company से मिल जाता है. इसके साथ ही Life Insurance के बीमा पत्र (Insurance Bond Paper) से ऋण भी ले सकते हो.
  • मानसिक शान्ति – आज लोगों के इसके अलावे सब कुछ है. कोई भी व्यक्ति जब अनिश्चितताओं से मुक्त हो जाता है तो वह प्रसन्न मन से काम करता है. उसे मृत्यु के पश्चात् उत्पन्न होने वाले दायित्वों की भी चिन्ता नहीं रहती है क्योंकि वह वर्तमान में ही उनका बीमा करा चुका होता है.
  • करों में छूट – कुछ लोग तो बीमा सिर्फ इसलिए करवाते हैं ताकि Income Tax में छूट मिल सके. कई ऐसे बीमा पोलिसी है जिसमें आयकर में छूट मिल जाता है. वैसे तो बैंक और पोस्ट ऑफिस में जमा धन पर भी आयकर छूट मिल जाता है. लेकिन, वह लाभ नहीं मिल पता है जो इंश्योरेंस में मिल जाता है.
  • जोखिमों से सुरक्षा – आज के समय में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसमें जोखिम है. आप जिस मोबाइल में यह जानकारी पढ़ रहे हो उसमें भी जोखिम है. कहें तो मनुष्य का जीवन ही जोखिमों से भरा हुआ है, चाहे बाचपन हो जवानी या कमाने का समय हो. बीमा उन सभी अनिश्चितताओं को दूर करता है. प्रो. एन्जे ल के अनुसार- बीमा अनिश्चित हानियों से सुरक्षा का स्थायी आधार है. बीमा के कारण ही व्यवसाय व उद्योग विकसित हुए है और व्यक्ति के रोजगार को उत्पन्न जोखिम भी समाप्त होती है.
  • भविष्य की आवश्यकताओं का नियोजन – बीमा कम्पनी के द्वारा कई प्रकार के बीमा पत्रों जैसे शिक्षा, विवाह, पेंशन आदि को जारी किया जाता है. व्यक्ति अपनी सीमित आय में से वर्तमान में ही भविष्य की तैयारी कर लेता है कि उसे कब, किस आवश्यकता पर, कितनी राशि की आवश्यकता होगी. इस आधार पर वह उन विशेष बीमापत्रों का चयन करने में सफल हो सकता है, यहाँ तक की मृत्यु के पश्चात् भी परिवार की आवश्यकताऐं पूर्ण नियोजित तरीके से पूरी कर सकता है.
  • सतर्कता को प्रोत्साहन – बीमा कम्पनियां हानियों से बचने के कई सुरक्षात्मक सुझाव देती रहती है. इन सुरक्षात्मक उपायों से मानव जीवन अधिक सुरक्षित हो जाता है वह समय-समय पर विभिन्न बीमारियों से बचने के उपाय करता है. जो भी व्यक्ति भविष्य को ध्यान में रखते हुए काम करना चाहता है वह Insurance Policy जरूर खरीदता है.

व्यावसायिक / आर्थिक दृष्टि से महत्व

बीमा जरूरी है – क्या आप जानते हैं हम किस युग में जी रहे हैं. हम आधुनिक और आर्थिक युग में जी रहे हैं. यहां Bima Kya Hai या What is Insurance in Hindi से ज्यादा जरूरी है – चाहे कुछ भी आपका बीमा जरूर होना चाहिए. वर्तमान आर्थिक जगत की कल्पना बीमा के बिना अधूरा नहीं संभव ही नहीं है. व्यवसायी बीमा करवाने की रूप रेखा बना लेता है ताकि वह पूर्ण शान्ति व तन्मयता के साथ व्यावसायिक क्रियाओं को पूरा कर सके.

विख्यात प्रबन्ध विचारक पीटर एफ ड्रकर के अनुसार- “यह कहना अतिशयोक्ति पूर्ण नहीं है कि बीमा के बिना औद्योगिक अर्थव्यवस्था कोई भी कार्य नहीं कर सकती है.” वास्तविक स्थिति यही है कि बीमा व्यवसाय के सफल संचालन के लिए अपरिहार्य है.

आर्थिक दृष्टि से बीमा का महत्व निम्न प्रकार से है

  • बचत को प्रोत्साहन
  • व्यापार व वाणिज्य में वृद्धि
  • पूंजी निर्माण
  • लघु व कुटीर उद्योगों का विकास
  • विदेशी व्यापार को प्रोत्साहन
  • कर्मचारी हितों की सुरक्षा
  • कर्मचारी सुरक्षा योजनाओं का आसान प्रबन्ध
  • मानव संसाधन विकास में योगदान

सामाजिक दृष्टि से महत्व

  • स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता
  • जीवनस्तर में सुधार
  • रोजगार अवसरों का विकास
  • सतर्कता को प्रोत्साहन
  • शिक्षा को प्रोत्साहन
  • पारिवारिक विघटन से सुरक्षा
  • सामाजिक सुरक्षा का साधन

राष्ट्रीय दृष्टि से उपादेयता

  • प्राकृतिक जोखिमों से सुरक्षा
  • राष्ट्रीय बचत में वृद्धि
  • मुद्रा बाजार के विकास में योगदान
  • देश में रोजगार को बढ़ावा
  • राष्ट्रीय आय व उत्पादन में भी निरन्तरता
  • सम्पूर्ण राष्ट्रीय विकास में योगदान
  • विदेशी मुद्रा कोष में योगदान

बीमा की आवश्यकता

Bima Kya Hai / What is Insurance in Hindi यह समझ आ गया तो बीमा की आवश्यकता समझाने की जरूरत नहीं है. लेकिन, यहां हम जो कुछ भी प्रकाशित करते हैं बहुत ही विस्तार से बताते हैं. हमारा मकसद बिलकुल साफ़ है आपने पाठकों को सही और विस्तार में जानकारी देने का है. MudraXP – Your Financial Friend यहां हम Finance से संबंधित सभी जानकारी लगातार पोस्ट करते रहते हैं. फायनेंस के बारें में किसी स्कूल या कॉलेज नहीं पढाया जाता है इसीलिए हमनें यह तय किया है आप सभी को फायनांस की जानकारी मुहैया करवायेंगें वो भी विस्तार से, समुचित और कम्प्लीट अपडेटेड.

आज के आधुनिक और आर्थिक युग में व्यक्तियों का जीवन अनेक प्रकार की अनिश्चितताओं एवं जोखिमों से घिरा हुआ है. उसे कुछ सम्पत्ति से सम्बन्धित जोखिमें है तो कभी जीवन को जोखिम है. अत: वह इन जोखिमों के प्रति कैसे सुरक्षा प्राप्त करे इसी विचार ने बीमा को एक आवश्यकता बना दिया है. वर्तमान औद्योगिक विकास का आधार ही प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से यदि बीमा को कहा जाय तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी. मनुष्य जीवन को तनाव मुक्त करने हेतु बीमा एक महत्वपूर्ण आवश्यकता बन गया है.

  • बीमा एक ऐसा राम बाण है जो उद्योगपतियों, व्यवसायियों एवं अन्य व्यक्तियों को सुरक्षा के लिए पूंजी विनियोग से मुक्त कर दे ता है. थोड़ी सी प्रीमियम का भुगतान कर जोखिम को उस सीमा तक सीमित कर लिया जाता है. अतः इस व्यवस्था में लगने वाले धन का अन्यत्र उपयोग किया जा सकता है.
  • निर्यात व्यापार (Export/Import) के प्रोत्साहन हेतु भी बीमा आवश्यक है. बीमा माल के मूल्य की क्षति की दशा में भी पूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है व जिससे निर्यातक क्षति की अनिश्चितता से मुक्त होकर निर्यात कर सकते हैं. बीमा की शुरुआत बी यहीं से हुआ था.
  • सम्पत्तियों का इसलिए बीमा किया जाता है क्यूंकि, उनके नष्ट होने की सम्भावना निरन्तर बनी रहती है या आकस्मिक घटना के घटित होने से अपने अपेक्षित जीवनकाल से पहले ही वे निष्क्रिय हो सकती है. ऐसे में यदि बीमा है तो इसका क्लैम लिया जा सकता है.
  • बीमा बीमाकृत विषयवस्तु को संरक्षण प्रदान नही करता है, खतरे के कारण पहुचने वाली हानि को भी नही रोकता है. खतरे को घटित होने से टाला भी नही जा सकता है. परन्तु कभी-कभी बेहतर सुरक्षा तथा क्षति नियन्त्रक उपायों द्वारा खतरे को टाला या तीव्रता को कम किया जा सकता है जिससे उस विषयवस्तु पर निर्भर व्यक्तियों के जीवन व सम्पत्ति पर खतरे के प्रभाव को कम अवश्य किया जा सकता है.
  • जीवन बीमा बचत व विनियोग का अच्छा स्रोत है. जीवन की अनिश्चितताओं को बीमा द्वारा निश्चित करने हेतु अधिक राशि का बीमा कराता है, जिससे अपव्यय कम होकर बचत को प्रोत्साहन मिलता है.

बीमा के प्रकार / Types of Insurance

किसी Insurance Company का चार्ट देखोगे तो कई तरह का बीमा दिखाया जाता है. लेकिन, बीमा मुख्य रूप से 2 तरह का होता है.

  • जीवन बीमा (Life Insurance)
  • साधारण बीमा (General Insurance)

जीवन बीमा (Life Insurance)

जीवन बीमा (Life Insurance) योजना में एक तय मूल्य जमा करके बीमाकृत व्यक्ति (Policy Holder) की मृत्यु हो जाने की स्थिति में पर उस व्यक्ति के के उत्तराधिकारी (Nominee) को किये हुए पोलिसी के नियमों और शर्तों (Terms and Condition) के अनुसार पूरा भुगतान किया जाता है. इंश्ययोरेंस पोलिसी लेने का मकसद अपने परिवार के लिए एक सहायता राशि तैयार करना होता है. क्योंकि, जीवन का कोई भरोसा नहीं है. आज है कल नहीं है. अभी कुछ दिन पहले ही Sidharth Shukla ने दुनिया छोड़ दिया. ऐसे ही किसी का भी जीवन लीला कभी भी समाप्त हो सकता है. आसान भाषा में कहें तो यहां बीमा का विषय वस्तु मानव का जीवन है. बीमाकर्ता की मृत्यु के समय या निश्चित अवधि की समाप्ति पर बीमा की निश्चित राशि का भुगतान किया जाता है. वैसे यहां Rate of Interest बहुत कम मिलता है लेकिन, लोग फिर भी बीमा लेते हैं क्यूंकि, यहां Life Risk Cover मिलता है. यदि बीमाकृत व्यक्ति का दुर्घटना हो जाता है और बीमा राशि नहीं देने के स्थिति में भी बीमा बंद नहीं नहीं होता है इसके अलावे इलाज के लिए भी सहायता मिल जाता है.

साधारण बीमा (General Insurance)

साधारण बीमा में वाहन, घर, पशु, फसल, स्वास्थ्य बीमा आदि सभी शामिल हैं. कहने का मतलब जीवन बीमा के अलावा सभी बीमा इसके अंदर आता है.

स्वास्थ्य बीमा ( Health Insurance)

आजकल इलाज का खर्च बहुत तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य बीमा लेने पर बीमारी होने पर बीमा कंपनी इलाज का खर्च कवर करती है. स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत इंश्योरेंस कंपनी किसी भी तरह की बीमारी होने पर इलाज पर खर्च होने वाली रकम देती है. किसी बीमारी पर होने वाले खर्च की सीमा आपकी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पर निर्भर करती है.

कारोबार उत्तरदायित्व बीमा (Business Liability Insurance)

Liability Insurance वास्तव में किसी कंपनी के काम-काज या किसी उत्पाद से ग्राहक को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए होता है. इस तरह की किसी स्थिति में कंपनी पर लगने वाला जुर्माना और कानूनी कार्यवाही का पूरा खर्च Liability Insurance करने वाली बीमा कंपनी को उठाना पड़ता है.

यात्रा बीमा ( Travel Insurance)

यात्रा बीमा किसी यात्रा के दौरान होने वाले नुकसान से बचाती है. अगर कोई व्यक्ति किसी काम से या घूमने के लिए विदेश जाता हैं और उसे चोट लग जाती है या सामान गुम हो जाता है तो बीमा कंपनी उसे मुआवजा देती है. यात्रा बीमा पॉलिसी आपकी यात्रा शुरू होने से लेकर यात्रा खत्म होने तक ही वैध होता है. यात्रा बीमा पॉलिसी के लिए अलग-अलग बीमा कंपनियों की शर्त अलग-अलग हो सकती है. जब भी कभी IRCTC से ट्रेन टिकट लेते हो तो यहां भी Travel Insurance के पूछा जाता है. इसके अलावे Flight Ticket में भी Travel Insurance के लिए पूछा जाता है.

फसल बीमा ( Crop Insurance)

कुछ कंपनी है जो फसल बीमा का काम करती है. वैसे भी मौजूदा नियमों के हिसाब से कृषि लोन लेने वाले हर किसान को फसल बीमा खरीदना जरूरी है. फसल बीमा पॉलिसी के तहत फसल को किसी भी तरह का नुकसान होने पर बीमा कंपनी किसान को उसका मुआवजा देती है. फसल बीमा पॉलिसी के तहत आग लगने, बाढ़ की वजह से या किसी बीमारी की वजह से फसल खराब होने पर बीमा कंपनी की तरफ से मुआवजा दिया जाता है. फसल बीमा पॉलिसी की शर्त बहुत कड़ी होने और लागत के हिसाब से मुआवजा नहीं मिलने की वजह से अभी किसानों में फसल बीमा के प्रति बहुत उत्साह नहीं है. वास्तव में फसल खराब होने पर मुआवजा देने के लिए बीमा कंपनियां उस खेत के आसपास मौजूद सभी खेत का सर्वे करती हैं और मुआवजा तभी दिया जाता है जब अधिकतर किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा हो.

घर का बीमा ( Home Insurance)

अगर आप अपने घर का बीमा किसी साधारण बीमा कंपनी से कराते हैं तो इसमें आपके घर की सुरक्षा होती है. बीमा पॉलिसी खरीदने के बाद अगर आपके मकान को किसी भी तरह का नुकसान होता है तो उसका हर्जाना बीमा कंपनी देती है. ओइसके साथ ही Home Loan Insurance भी किया जाता है. यदि आपने होम लोन का बीमा करवा रखा है और कुछ अनहोनी की स्थिति में Insurance Company, होम लोन का EMI देती है. आपके घर को किसी भी तरह के नुकसान से कवरेज इस बीमा पॉलिसी में शामिल है. घर को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान में आग, भूकंप, आकाशीय बिजली, बाढ़ आदि की वजह से होने वाला नुकसान शामिल है. कृत्रिम आपदा में घर में चोरी होना, आग, लड़ाई-दंगे आदि की वजह से होने वाला नुकसान शामिल है. कृत्रिम आपदा में घर में चोरी होना, आग, लड़ाई-दंगे आदि की वजह से घर को हुआ नुकसान शामिल है. बीमा खरीदने से पहले खुद भी चेक कर ले आपके बीमा में क्या सुविधा दिया गया है. यहां हमने एक सामान्य जानकारी दिया है.

वाहन बीमा ( Motor Insurance)

भारत में सड़क पर चलने वाले किसी भी वाहन का बीमा कराना कानून के हिसाब से बहुत जरूरी है. कुछ दिनों पहले ही इन्श्योरेंस नहीं रहने पर बहुत ज्यादा फईन का प्रावधान किया गया है. वाहन का बीमा कराये बिना उसे चलाते हैं तो ट्रैफिक पुलिस जुर्माना कर सकती है. मोटर या वाहन बीमा पॉलिसी के हिसाब से वाहन को हुए किसी भी नुकसान के लिए बीमा कंपनी मुआवजा देती है. अगर आपका वाहन चोरी हो गया या उससे कोई दुर्घटना हो गयी है तो वाहन बीमा पॉलिसी आपकी काफी मदद कर सकती है. वाहन बीमा पॉलिसी का सबसे अधिक फायदा तब होता है जब वाहन से किसी व्यक्ति को चोट लग गई या किसी व्यक्ति की मौत हो गई हो. इसे थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) के तहत कवर किया जाता है. आपने दोपहिया/तिपहिया/कार का बीमा जरूर कराना चाहिए.

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Conclusion What is Insurance in Hindi

Bima Kya Hai / बीमा क्या है / What is Insurance in Hindi इसे बहुत ही विस्तार में बताया गया है. खाना पानी की तरह आज के आर्थिक युग में जीने के लिए इंश्योरेंस का होना बहुत जरूरी है. तनावमुक्त जीवन जीने के लिए Insurance Policy जरूर होना चाहिए. बीमा का मतलब व्यक्ति के जीवन और जीवन के बाद दोनों से जुड़ा है. बीमा खरीदते वक्त सही कंपनी का चुनाव जरूरी है.

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