Cibil Score in Hindi इसे समझने के लिए इसका फूल फॉर्म जानना बहुत जरूरी है. CIBIL SCORE Full Form – Credit Information Bureau India Limited होता है. जो लोन लेने से पहले चेक किया जाता है.
आज के भाग दौर वाली जिंदगी में कुछ पैसा जोड़ कर लोग घर, मकान, गाड़ी लेना चाहते हैं. इसे खरीदने के लिए पैसा एक साथ जुटा पाना थोड़ा मुश्किल है.
इसीलिए लोग लोन कि तरफ रुख करते हैं. आपको पता होगा बैंक से लोन लेने के लिए कई कागज जुटाना पड़ता है. लेकिन, उसमें से एक बहुत ही महत्वपूर्ण चीज़ है. CIBIL SCORE.
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CIBIL SCORE MEANING IN HINDI
CIBIL SCORE का मतलब क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड से है. यह स्कोर जितना ज्यादा होगा लोन मिलने का संभावना उतना ही ज्यादा होता है.
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि CIBIL क्रेडिट जानकारी का एक संग्रह मात्र है और लोन प्रक्रिया में इसका कोई भाग नहीं होता है.
CREDIT SCORE या CIBIL SCORE इसके बिना कोई भी बैंक या NBFC Company लोन नहीं देती है. हर एक व्यक्ति के लिए इसका जानना बेहद जरुरी है क्यूंकि एक गलती भविष्य में लोन या फिर credit card लेने में दिक्कत पैदा कर सकता है.
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सिबिल स्कोर कौन जारी करता है?
CIBIL भारत की पहली क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी है जिसका काम Credit Information Report तैयार करना है. सही तरीके से लोन देने और उसे वापस लेने के लिए इस कंपनी की शुरुवात सन 2000 में किया गया था.
2016 में अमेरिकी कंपनी TransUnion द्वारा CIBIL में 82% हिस्सा खरीद लेने के बाद इसका नाम बदलकर TransUnion CIBIL Limited रख दिया गया है.
सिबिल स्कोर किस आधार पर बनता है?
आपका CIBIL Score ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड द्वारा जारी किया जाता है यह कंपनी विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से, लोगो की credit reports मांगती है जिसमे हमारे Loans और Credit Card संबंधी सभी भुगतानों का लेखा जोखा होता है.
इस प्रकार CIBIL Score आपके पहले के loans और credit card के भुकतानो के आधार पर तैयार किया जाता है |
सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए?
सिबिल स्कोर का रेंज 300 -900 तक होती है इसलिए जितना ज्यादा सिबिल होता है उतना ही अच्छा होता है. अलग अलग सिबिल स्कोर का मतलब अलग अलग होता है.
CIBIL SCORE Rating Zero
यदि सिबिल स्कोर शून्य है तो इससे साफ़ जाहिर होता है. आपका क्रेडिट कार्ड या ऋण के माध्यम से बनाया गया कोई क्रेडिट इतिहास नहीं है. कहने कम मतलब आपने कभी कोई लोन या क्रेडिट कार्ड नहीं लिया है.
मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है. जब मैं कार लोन के लिया गया तो मेरा कोई लोन नहीं हुआ था जिस वजह से कार लोन लेने में परेशानी हुआ. यदि भविष्य में लोन चाहिए तो कुछ लोन लेना चाहिए. जैसे आप फोन लोन या लोन पर घर का कुछ सामान ले सकते हैं.
लोन का किस्त सही समय पर मतलब दिये गए समय से वापिस कर देने से क्रेडिट स्कोर अच्छा बन जाता है. इसीलिए जब भी कभी लोन लें तो दिये गए समय पर लोन राशि जरूर लौटने का प्रयास नहीं दे देना चाहिए.
सिबिल स्कोर खराब हो जाने से भविष्य में लोन लेने में बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है. वैसे यदि बैंक मेनेजर चाहे तो खराब सिबिल स्कोर पर भी लोन दे सकता है.
CIBIL SCORE Rating 350-550
यदि सिबिल स्कोर 350 से 550 है तो यह एक अलार्म कि तरह है जिसे सुधरने की जरूरत है. बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान (NBFC Companies) इस स्कोर को बहुत खराब मानती है. इसका मतलब लोन का भुगतान सही समय पर नहीं किया गया है.
ऐसा होने पर कोई भी बैंक क्रेडिट कार्ड या लोन नहीं देना चाहती है. जितना जल्दी हो सके इस स्कोर को सुधारने कि जरूरत है.
CIBIL SCORE RATING 550-650
सिबिल स्कोर का इस रेंज में आना मतलब अपने ऋण और क्रेडिट कार्ड का भुगतान करने में काफी नियमित है और आपको बिना अधिक परेशानी के ऋण मिल जाने की संभावना है.
सिबिल स्कोर अच्छा होने का खासियत समझ आ गया होगा. यह स्कोर बहुत अच्छा तो नहीं लेकिन, लोन मिलने के लिए सही है.
CIBIL SCORE RATING 650-750
650 से 750 का सिबिल स्कोर बहुत अच्छा माना जाता है. इस स्कोर में कोई भी बैंक आसानी से लोन दे देती है. लोन लेते समय ब्याज दर भी बहुत मायने रखता है लिया गया लोन किस ब्याज डर पर मिला है.
इस स्कोर से लोन जरूर मिल जायेगा लेकिन, लोन का ब्याज दर थोड़ा ज्यादा हो सकता है.
CIBIL SCORE RATING 750-900
लोन लेने के लिए यह स्कोर बहुत अच्छा मन जाता है. इसका मलब लोन लेने वाले ने सही समय से अपना आपने ब्याज का भुगतान किया है. इसका सबसे बड़ा फायदा ब्याज दर पर मिल जाता है.
बेहतरीन स्कोर होने से सभी बैंक कम ब्याज दर पर भी लोन देने के लिए राजी हो जाता है.
क्रेडिट स्कोर में NA या NH क्या है?
यह शब्द आपके लिए थोड़ा नया हो सकता है. NA या NH इसके बारें में ऊपर भी बताया गया है लेकिन, यह नहीं बताया की यही NH है.
यदि कोई व्यक्ति आज तक कोई लोन नहीं लिया है तो उसका कोई क्रेडिट भुगतान नहीं दिखता है. मतलब उसका कोई Credit History नहीं है.
जब कोई क्रेडिट इतिहास ही नहीं है मतलब Credit Score Range शून्य है. तो उसे NH (No Hostory) दिखाया जाता है.
ऐसा ही NA होता है. जब भी कोई व्यक्ति कुछ सालों तक कोई भी Credit Card का इस्तेमाल नहीं करता है.
उससे कोई खरीददारी नहीं करता है तो उसे NA दिखाया जाता है मतलब No Activity.
क्रेडिट स्कोर का NH या NA होना कुछ बुरा नहीं है. लेकिन, भविष्य में लोन लेने में दिक्कत हो सकता है. आपने देखा भी होगा बैंक क्रेडिट कार्ड देने से पहले पूछती है क्या आपके पास किसी बैंक का क्रेडिट कार्ड है?
इसलिए भविष्य में Home Loan लेने की चाहत रखते हैं तो पहले छोटे लोन जैसे बाइक लोन या फिर क्रेडिट कार्ड बनवाकर शुरुवात कर सकते है.
समय पर इसका भुगतान कर अपना सिबिल स्कोर अच्छा कर सकता हैं. ऐसा करने से सिबिल स्कोर NH या NA नहीं दिखायेगा.
सिबिल स्कोर कैसे चेक कर सकते है?
अब तक यह समझ आ गया होगा लोन मिलने के लिए सिबिल स्कोर कितना जरूरी है. अब यह भी जान लीजिए इसे चेक कैसे करते हैं?
सिबिल स्कोर चेक करने के लिए कुछ फी है. अलग अलग कंपनी इसके लिए अलग अलग फी लेती है.
सिबिल की वेबसाइट https://www.cibil.com/freecreditscore/ है. यहां फॉर्म भर कर फ्री में सिबिल स्कोर चेक किया जा सकता है.
सिबिल स्कोर हर महीने अपडेट किया जाता है. यदि लोन लेना है तो इस पर नज़र बनाये रखिये.
- फ्री में सिबिल स्कोर चेक करने के लिए दिए गए लिंक पर जाना होगा https://www.cibil.com/freecreditscore/
- यहां अपनी सभी जानकारी जैसे की आपका नाम, पता, पैन कार्ड नंबर, संपर्क नंबर (mobile Number) देना होता है.
- अंत में कुछ सवालों का जवाब देना होता है.
- अब इसे वेरिफाय करते ही सिबिल स्कोर दिख जाता है.
इसके अलावे भी कई वेबसाइट है जहां सिबिल स्कोर चेक किया जाता है.
सिबिल स्कोर कैसे तय किया जाता है?
सिबिल स्कोर का आकलन क्रेडिट हिस्टरी के आधार पर किया जाता है. Credit Bureau कर्ज अदायगी के पैमाने के कुछ मापदंडो के आधार सिबिल स्पकोर देती है. जिसके बारें में नीचे बताया गया है.
Credit History
लोन लेने के बाद बैंक या NBFC Company के द्वारा एक EMI तय किया जाता है. जब भी लोन लेने वाला इस EMI को समय से भरता है तो उसका स्कोर अच्छा रहता है.
यदि इसमें कुछ गलती पाया जाता है जैसे समय से EMI जमा नहीं किया गया तो Credit History खराब हो जाता है. सिबिल स्कोर में इसका योगदान 30% का होता है.
Credit Mix
लोन दो तरह का होता है Secured Loan और Unsecured Loan. यदि दोनों तरह का लोन लिया गया है तो क्रेडिट स्कोर पर अच्छा असर होता है. इसका योगदान 25% तक होता है.
High Credit Utilization
कभी भी क्रेडिट का पूरा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. कहने का मतलब जितना लिमिट है पूरे लिमिट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. यह कर्ज का संकेत दिखता है इससे समझ आता है आप कुछ ज्यादा ही कर्ज में हैं. इसका क्रेडिट स्कोर पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
Frequent Inquiries
लोन के बारें में बार बार अलग अलग बैंक या NBFC में पूछताछ करने से भी दिक्कत हो सकता है. क्यूंकि, हमेशा लोन फाइल होने से यह समझ आता है इसे लोन कि बहुत ज्यादा जरूरत है.
कुछ लोगों का कहना है बार बार पूछने से मतलब आपके ऊपर लोन का बोझ बढ़ने वाला है. जब भी लोन से संबंधित पूछताछ करते हैं तो हर बार 2 स्कोर कम हो जाता है.
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Conclusion
लोन लेने और देने के लिए सिबिल स्कोर एक पैमाना है. यह जरूरी नहीं है. बैंक मेनेजर चाहे तो सिबिल स्कोर के बिना भी लोन दे सकता है. यदि सिबिल स्कोर अच्छा है तो लोन मिलने में आसानी हो जाता है.
सिबिल स्कोर अच्छा न हो तो लोन मिलने में कुछ परेशानियों का सामना करना होता है. इस परेशानी से बचने के लिए सिबिल स्कोर अच्छा रखिये.
MudraXp का मकसद बिलकुल साफ़ है लोगों को वित्तीय जानकारी (Financial Knowledge) नहीं होने की वजह से कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
यदि इस तरह कि परेशानी से बचना चाहते हैं तो MudraXP के साथ बने रहिये. इस जानकारी से संबंधित कोई प्रश्न हो तो नीचे कमेन्ट बॉक्स में जरूर पूछिए.